किसी भी राष्ट्र की पहचान उनके राष्ट्रीय प्रतीकों से होती है राष्ट्रीय प्रतीक होता है राष्ट्र की धरोहर

किसी भी राष्ट्र की पहचान उसके राष्ट्रीय प्रतीक चिन्हों से होती है जैसा कि आपलोग जानते होगें भारत का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तम्भ है जिसको बहुत विचार मन्थन के बाद संविधान निर्माताओं ने अशोक स्तम्भ को राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह के रूप में अपनाया था।

लेकिन आज कुछ लोग जो खुद को बहुजन समाज का हितैषी कहते हैं उन्होनें राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह (चौमुखी सिंह) से मिलता जुलता अश्व स्तम्भ (चौमुखी घोडा) बनाकर राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह का अपमान किया है।

हम बात कर रहे हैं सम्यक प्रकाशन की। जिन्होने 2017 में सम्राट अशोक महान द्वारा निर्मित सांची स्तूप पर बाबा साहब का जूता पहने हुए फोटो कैलेण्डर बनाया था बहुत विरोध के बाद शान्तिस्वरूप बौद्ध ने कैलेण्डर से उस फोटो को हटाकर सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी लेकिन 2 वर्ष भी नही बीते अब राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह का अपमान,अशोक स्तम्भ को विकृत करने की नाकाम कोशिस। मुझे कभी कभी लगता है सम्यक प्रकाशन सिर्फ नाम के लिए बहुजन समाज का प्रकाशन रह गया है बाकी प्रचार तो विषमतावादियों का किया जा रहा है

सम्यक प्रकाशन और बामसेफ ऐसी हरकतों से दलित पिछङों का निरादर करते हैं साथ ही आर एस एस जैसी विभाजनकारी शक्तियों के हाथ मजबूत करते हैं। शांतिस्वरुप बौद्ध अपनी हरकतों से बाज आयें अन्यथा आपके प्रकाशन का समाजिक बहिष्कार होगा ।

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