अहिरवां चौकी इंचार्ज सुभाष वर्मा ने की चैनल के प्रधान संपादक के साथ बदसलूकी
दरअसल कानपुर जिले के चकेरी थाना के अंतर्गत अहिरवां चौकी में एक मामला आया जिसपर चौकी इंचार्ज भीषण गर्मी को देखते हुए दुकानदार से बौखला ही रहे थे तभी मौके पर तीसरी आंख न्यूज़ के प्रधान संपादक धर्मेंद्र गुप्ता चौकी इंचार्ज सुभाष वर्मा से गलती से मामले की जानकारी लेने क्या पहुँच गए तो खाकी वाले बन गए शक्तिमान,हम है इस चौकी के खलनायक तमाशा करने लायक तो तमाशा करने दो मुझको।
फिलहाल इन खाकी के लाल को गलती से भी गुंडा मत समझियेगा ये तो आजादी के परवाने है जिनकी इच्छाओं को जूते के तल्लों के नीचे कुचलने का काम खाकी ने किया है।यही तो वो लोग है जिनके सामने ब्रिटिश हुकूमत ने अपनी बंदूकों की नाल नीचे कर दी थी।गांधी के देश मे अगर ऐसे परवाने न हो तो कैसी आजादी और कैसी स्वतंत्रता तो चैनल के प्रधान संपादक के सामने चौकी में इकट्ठे हुए हट्टे कट्टे जवान,कोने में रख दिया संविधान और चलाने लगे जुबान फिलहाल इन दिनों पत्रकारिता खतरें में है।
खैर कोई बात नही चौकी इंचार्ज साहब ये तो आपका परम अधिकार है कि आप इन्ही शब्दों से कानून के चौथे स्तंभ पत्रकारों का सम्मान कीजिये आप जनता से बात कीजिये खैर आपकी भी अलग पहचान है जरूरी तो नही कि हर कोई तमीज से ही बात करता हो,सूबे के हाकिम ने आप पर भरोसा भी इसीलिए जताया हो कि आपके अन्दर इस अंतरराष्ट्रीय कौशल को देखा हो फिलहाल चौकी इंचार्ज साहब आपकी सेना ने माहौल बनाया है कि आपको महान दिखाया है ये संपादक जी है जो कानून की बात करते है आपकी ताकत का एहसास नही है चैनल के संपादक जी को कि मुकेश खन्ना से पहले शक्तिमान का रोल चौकी इंचार्ज सुभाष वर्मा को ही मिलने वाला था फिलहाल चौकी इंचार्ज ने अंतिम छोर तक की ताकत लगा कर चैनल के संपादक पर जोर दिखाया।
लेकिन अब देखने वाली बात तो ये है कि आखिर कब तक योगी सरकार की कर्मठ पुलिस पत्रकारों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते रहेंगे जहां एक ओर सूबे के सूबेदार का कहना है कि पत्रकारों से अभद्र भाषा का प्रयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी फिर भी खाकी के भेष में ये थुलथुल पेट वाला अहिरवां चौकी इंचार्ज बेखौफ चौकी में पड़ी सरकारी कुर्सी में बैठकर अपनी बदन को कैसे आराम दे रहा है।
रिपोर्ट-हिमांशु ठाकुर