वाह साहब वाह अधिवक्ताओं का है यह हाल तो आम जनता का क्या होगा घटना के 24 घंटे होने के बाद भी नहीं लिखी गई एफआईआर। ताजा मामला काकोरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत शाहपुर का है जहां सोशल मीडिया के माध्यम से बुद्ध कथा की खबर मिलने पर पहुंचे अधिवक्ता राजकुमार मौर्य अपने मोबाइल से कथा का वीडियो सूट कर रहे थे उसके बाद पास में ही निर्मित बुध विहार मैं अपनी फोटो लेने लगे अपनी फोटो खिंचवाने के लिए अपने सहयोगी को अपना फोन दे दिया।
जिसके पश्चात वाह फोटो लेते हुए कथा पंडाल की भी फोटो लेने लगे कथा पंडाल मैं फोटो लेते समय कथावाचिका शाक्य अंजलि मौर्या ने मोबाइल छीन लिया और जब एडवोकेट राजकुमार ने फोटो लेने के लिए कहा तो उस व्यक्ति ने कहा कि मेरा मोबाइल कथावाचिका ने ले लिया है।
एडवोकेट द्वारा अपना मोबाइल मांगने पर कथावाचिका अंजली व उनके सभी सहयोगी वादकगण मारपीट पर आमादा हो गए और गंदी गंदी गालियों के साथ मारपीट करने लगे मारपीट के दौरान एडवोकेट की सिविल ड्रेस को भी फाड़ दिया तथा कथावाचिका अंजलि मौर्य ने प्रार्थी की गर्दन दबाकर जान से मारने की कोशिश की। प्रार्थी किसी तरह वहां से जान बचाकर भागा और उसके बाद करीब 1-2 मकिलोमीटर चलने के बाद प्रार्थी ने झाड़ियों की आड़ से डायल हंड्रेड को कॉल किया और बाइक से डायल हंड्रेड 2 लोग मौके पर पहुंचे जिन के सहयोग से प्रार्थी काकोरी थाना पहुंचे और वहां पर अपनी तहरीर दी तथा मेडिकल के लिए कहा लेकिन तहरीर देने के 24 घंटे बाद भी ना तो प्रार्थी के एफ आई आर दर्ज की गई और ना ही मेडिकल के लिए कोई कार्यवाही की गई।
जिसके पश्चात वाह फोटो लेते हुए कथा पंडाल की भी फोटो लेने लगे कथा पंडाल मैं फोटो लेते समय कथावाचिका शाक्य अंजलि मौर्या ने मोबाइल छीन लिया और जब एडवोकेट राजकुमार ने फोटो लेने के लिए कहा तो उस व्यक्ति ने कहा कि मेरा मोबाइल कथावाचिका ने ले लिया है।
एडवोकेट द्वारा अपना मोबाइल मांगने पर कथावाचिका अंजली व उनके सभी सहयोगी वादकगण मारपीट पर आमादा हो गए और गंदी गंदी गालियों के साथ मारपीट करने लगे मारपीट के दौरान एडवोकेट की सिविल ड्रेस को भी फाड़ दिया तथा कथावाचिका अंजलि मौर्य ने प्रार्थी की गर्दन दबाकर जान से मारने की कोशिश की। प्रार्थी किसी तरह वहां से जान बचाकर भागा और उसके बाद करीब 1-2 मकिलोमीटर चलने के बाद प्रार्थी ने झाड़ियों की आड़ से डायल हंड्रेड को कॉल किया और बाइक से डायल हंड्रेड 2 लोग मौके पर पहुंचे जिन के सहयोग से प्रार्थी काकोरी थाना पहुंचे और वहां पर अपनी तहरीर दी तथा मेडिकल के लिए कहा लेकिन तहरीर देने के 24 घंटे बाद भी ना तो प्रार्थी के एफ आई आर दर्ज की गई और ना ही मेडिकल के लिए कोई कार्यवाही की गई।
Kab ki ghatna hai.
जवाब देंहटाएंये तो बहुत गलत है
जवाब देंहटाएंBakwas
जवाब देंहटाएंDo maurya ko aapas me ladane ki chaal hai
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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