प्री ,मेंस लिखित परीक्षा पास की मेडिकल परीक्षण भी पास किया फिर भी भर्ती को तरस रहे अभ्यर्थी
उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती 2013 में प्री, मेंन्स लिखित परीक्षा के साथ मेडिकल भी पास कर लिया। लेकिन तब से लेकर अब तक 11786 पास अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं मिली ।इतने लंबे समय तक संघर्ष करते-करते हमारा आत्मविश्वास डगमगा गया है।हम अब जीना नहीं चाहते !
कृपया इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए।यह गुहार अभ्यर्थी अनिल कुमार मौर्य,पायल पांडे,शुभम मिश्रा, पूजा गौर, नीति सिंह, राहुल सिंह ,यादवेंद्र सिंह, राहुल यादव,विकास चंद्रा, परवीन आदि अभ्यर्थियों ने लगाई।वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती में परीक्षा के सारे चरण प्री-मेंस लिखित परीक्षा ,मेडिकल पास करने वाले अभ्यार्थियों ने माननीय राष्ट्रपति जी, माननीय प्रधानमंत्री जी, माननीय मुख्यमंत्री जी, को जिलाधिकारी के माध्यम से इच्छा मृत्यु का ज्ञापन दिया।जिलाधिकारी ने मामला शासन को भेजे जाने का आश्वासन दिया ।अभ्यार्थियों ने बताया की वर्ष 2013 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल में उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी के 41610 पदों के लिए आवेदन मांगा गया था। इन पदों के लिए 22 लाख अभ्यर्थियों ने प्रारंभिक परीक्षा दी।लिखित परीक्षा के बाद 55000 अभ्यार्थियों को मेडिकल के लिए बुलाया गया। इसके उपरांत 16 जुलाई 2015 को 38315 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयन करके उन्हें ट्रेनिंग पर भेजा दिया गया।शेष पदों को अग्रेषित कर दिया जाता है। भर्ती में क्षैतिज आरक्षण गलत रुप से लागू करते हैं। जिससे चयनित अभ्यर्थी बाहर हो जाते हैं तथा फेल अभ्यार्थी चयनित हो जाते हैं। जो नियम के विरुद्ध हैं। जिसको लेकर कुछ अभ्यर्थी माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद जाते हैं।जिसके बाद माननीय न्यायालय ने न्याय करते हुए, 4 मई 2018 को क्षैतिज आरक्षण सही करके शेष आग्रेसित किए गए रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने का आदेश देता है ।इसके अनुपालन में 13 अगस्त 2018 को उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा एक विज्ञप्ति के माध्यम से नए 8678 अभ्यार्थियों को मेडिकल के लिए बुलाया गया।जबकि पूर्व में 6786 अभ्यर्थी मेडिकल पास उपलब्ध थे ।नए अभ्यर्थियों का मेडिकल सितंबर 2018 में पूर्ण हो जाता है। लेकिन 8 माह बीत जाने के बाद भी आज तक अभ्यार्थियों को प्रशिक्षण पर नहीं भेजा गया है ।जिसकी शिकायत अभ्यार्थियों ने मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव,गृह मंत्री भारत सरकार,से लेकर यूपी के कई मंत्रीयो से शिकायत की।शिकायत करने के बाद भी नियुक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। 8 माह बीत जाने के बाद भी सफल अभ्यर्थियों को अभी तक प्रशिक्षण पर नहीं भेजा गया है। जबकि 2013 बैच वालों से पहले 2015 बैच 2018 बैच ट्रेनिंग पर भर्ती बोर्ड ने भेज दिए हैं। जो नियमानुसार गलत है। जिलाधिकारी कार्यालय उन्नाव में मौके पर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी मौजूद रहे।