नगरा।श्री नरहेजी महाविद्यालय नरही के संस्थापक संत इंद्रजीत सिंह की 17 वी पूण्य तिथि शनिवार को महाविद्यालय परिसर में एक सादे समारोह में मनाई गई।पूण्य तिथि समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा संत इंद्रजीत सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया।
समारोह को सम्बोधित करते हुए शिक्षाविद डॉ विजय नारायण सिंह उर्फ गोपाल जी ने कहा कि संत इंद्रजीत सिंह त्याग व सादगी की प्रतिमूर्ति थे। उनके अंदर समाज के अंतिम पायदान पर खडे गरीब मजलूमो के प्रति आत्मीय भाव था। उन्होने अपने जीवन मे कभी भी झुकना नही सीखा।
फक्कड स्वभाव के धनी इंद्रजीत सिंह हमारे बीच नही हैं किंतु उनके आदर्श हमारे लिए आज भी प्रासंगिक हैं ।उन्होंने कहा कि इंद्रजीत सिंह अवधूत भगवान राम के अनन्य शिष्य थे। स्पष्टवादिता उनके अंदर कूट कूट कर भरी थी। उनकी कथनी व करनी मे कोई फर्क नही था। जो कहते थे उसको कर गुजरने का मद्दा भी रखते थे। डा. सिंह ने कहा कि इंद्रजीत सिंह ने महाविद्यालय के रुप मे जिस पौधे को रोपित किया था।अपने खून पसीने से जिस पौधे को सीचा था वह पौधा आज बडा होकर फल फूल रहा है। हम सभी का कर्तव्य बनता है कि उस पौधे की हर कीमत पर रक्षा करें। श्रद्धांजलि सभा को जनार्दन सिंह ,डॉ रामजी सिंह आदि ने संबोधित सिंह, उदय नारायण सिंह, लोलार्क नाथ पांडेय, डॉ अच्युतानंद चतुर्वेदी, इंटर कालेज के प्रधानाचार्य दीपचंद प्रसाद, शिवनाथ सिंह,राजेश सिंह आदि ने सम्बोधित किया।अध्यक्षता जगदीश सिंह व संचालन डॉ कृष्णमोहन सिंह ने किया।अतिथियों के प्रति आभार प्रकट नरहेजी इंटर कालेज के प्रबंधक अर्जुन गोपालन ने किया।
फोटो - इंद्रजीत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते नरहेजी इंटर कालेज के प्रबंधक अर्जुन गोपालन
समारोह को सम्बोधित करते हुए शिक्षाविद डॉ विजय नारायण सिंह उर्फ गोपाल जी ने कहा कि संत इंद्रजीत सिंह त्याग व सादगी की प्रतिमूर्ति थे। उनके अंदर समाज के अंतिम पायदान पर खडे गरीब मजलूमो के प्रति आत्मीय भाव था। उन्होने अपने जीवन मे कभी भी झुकना नही सीखा।
फक्कड स्वभाव के धनी इंद्रजीत सिंह हमारे बीच नही हैं किंतु उनके आदर्श हमारे लिए आज भी प्रासंगिक हैं ।उन्होंने कहा कि इंद्रजीत सिंह अवधूत भगवान राम के अनन्य शिष्य थे। स्पष्टवादिता उनके अंदर कूट कूट कर भरी थी। उनकी कथनी व करनी मे कोई फर्क नही था। जो कहते थे उसको कर गुजरने का मद्दा भी रखते थे। डा. सिंह ने कहा कि इंद्रजीत सिंह ने महाविद्यालय के रुप मे जिस पौधे को रोपित किया था।अपने खून पसीने से जिस पौधे को सीचा था वह पौधा आज बडा होकर फल फूल रहा है। हम सभी का कर्तव्य बनता है कि उस पौधे की हर कीमत पर रक्षा करें। श्रद्धांजलि सभा को जनार्दन सिंह ,डॉ रामजी सिंह आदि ने संबोधित सिंह, उदय नारायण सिंह, लोलार्क नाथ पांडेय, डॉ अच्युतानंद चतुर्वेदी, इंटर कालेज के प्रधानाचार्य दीपचंद प्रसाद, शिवनाथ सिंह,राजेश सिंह आदि ने सम्बोधित किया।अध्यक्षता जगदीश सिंह व संचालन डॉ कृष्णमोहन सिंह ने किया।अतिथियों के प्रति आभार प्रकट नरहेजी इंटर कालेज के प्रबंधक अर्जुन गोपालन ने किया।
फोटो - इंद्रजीत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते नरहेजी इंटर कालेज के प्रबंधक अर्जुन गोपालन